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Sunday, 23 May 2021

Penetration Test For Bitumen

 

         प्रयोग संख्या-

         Penetration Test For Bitumen

 

Introduction: बेधन या गाढ़ापन टेस्ट बिटुमन की कठोरता अथवा गाढ़ापन ज्ञात करने के लिये किया जाता हैं. इससे बिटुमन के ग्रेड का भी पता चलता हैं.

          यह टेस्ट रोड टार के लिये उपयुक्त नहीं माना जाता हैं, क्युकि रोड टार मे उच्च सतही तनाव व अत्याधिक मात्रा मे मुक्त कार्बन उपस्थित होती हैं.

यह टेस्ट बेधनमापी से किया जाता हैं, जो 1mm के 10वे भाग तक का बेधन माप सकता हैं.

Object :  दिए गए बिटुमन का बेधन मान ज्ञात करना.

Appratus :

(1)         पात्र- सपाट सतह वाली धातु की बेलनाकार डिश जिसका व्यास 55.0mm तथा गहराई 35.0mm होती हैं.

 

(1)         सुई- सीधी, बेलनाकार, कठोर इस्पातीय रॉड जिसकी विमाये चित्र 1 में दर्शाई गयी हैं.

(2)         जलबांध- न्यूनतम 10.0 लीटर क्षमता वाला, 24.0-26.0 डिग्री सेल्सियस पर नियंत्रित water bath जिसमे प्रतिदर्श को इस प्रकार डुबाया जाता है कि प्रतिदर्श की ऊपरी सतह कम से कम 100.0mm गहराई पर हो. प्रतिदर्श को छिद्रित उभार पर इस प्रकार टिकाया जाता है कि प्रतिदर्श की तली water bath के तल से 50.0mm ऊपर रहे.

(3)         बेधन उपकरण- बेधनउपकरण इस प्रकार का होना चाहिए कि यह सुई के धसने में कोई घर्षण प्रस्तुत न करे व 1mm के 10वे भाग तक शुद्ध परिणाम दे सके.

(4)         थर्मामीटर- 44 डिग्री सेल्सियस तक मापने योग्य थर्मामीटर जो 0.2 डिग्री सेल्सियस तक की परिशुद्धता से माप सके.

 

(1)         समय मापक यन्त्र- जो 0.1 सेकंड तक माप दे सकता हो.

Theory : एक मानक भार की सुई, निर्धारित अवधि मे निश्चित तापमान वाले बिटुमन पिंड मे धंस जायेगी, यह माप बेधन कहलाता हैं. बेधन सुई का संलग्नक सहित भार 100 ग्राम होता हैं.

           बेधन पाठ्यांक जितना कम होगा, बिटुमन उतना ही कठोर होगा.

 

इससे बिटुमन के ग्रेड का पता चलता है.

 

Procedure :

(1)    परीक्षण प्रतिदर्श : पदार्थ को उसके मृदुकारी बिंदु से अधिक तापमान तक पिघलाते हैं ( बिटुमन को  90डिग्री सेल्सियस और टार को 60 डिग्री सेल्सियस से उच्च ताप पर गर्म नहीं करना चाहिए.) पदार्थ को पिघलाते समय तब तक हिलाते रहते है जब तक यह हवा और पानी के बुलबुलों से मुक्त न हो जाये. पिघले पदार्थ को पात्र में अनुमानित धंसन से कम से कम 10.0mm अधिक गहराई तक भरना चाहिए. प्रतिदर्श को धूल से बचाते हुए वायुमंडल मे ही 15-30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 1घंटे तक ठंडा करते हैं. यह परीक्षण 24.0-26.0 डिग्री सेल्सियस ताप पर किया जाता हैं ( विशेष परिस्थितियों को छोड़कर). अब उपरोक्त प्रतिदर्श को ट्रे में water bath में 1-1.5 घंटे तक रख कर छोड़ देते हैं

(2)     water bath के पानी को स्थानान्तरण डिश में इतनी गहराई तक भरते है कि पात्र पूरी तरह भर जाये. अब नमूना रख दिया जाता है तथा डिश को बेधन उपकरण मे रख दिया जाता है.

(3)    उपकरण की सुई को बेन्जीन से साफ़ करके व सुखाकर भार के साथ सम्बद्ध कर देते है. आवश्यक कुल चल भार (100+0.25) से (100-0.25) ग्राम होता है जिसमे सुई , वाहक व अन्य लगाये गये भार समिलित होते हैं.

(4)     सुई को इस प्रकार समंजित करते है कि इसकी नोक प्रतिदर्श की सतह को बस छुती रहे. सुई की नोक को बिटूमनी पदार्थ के माध्यम से परावर्तित इसकी छाया के साथ संपर्क कराकर, सुई को समंजित किया जा सकता हैं.

(5)    डायल की सुई को शून्य पर सेट करते है अथवा प्रारभिंक डायल पाठ्यांक नोट कर लेते है.

(6)    सुई को ठीक 5 सेकंड के लिये छोड़ देते हैं.

(7)    बेधनमापी को धंसन मापने के लिये समंजित करते हैं.

(8)    इस प्रकार तीन भिन्न-भिन्न  पाठ्यांक नोट करते है. प्रतिदर्श की सतह पर प्रेक्षण बिंदुओं के मध्य 10.0mm से कम दूरी नहीं होनी चाहिए. प्रत्येक परीक्षण के पश्चात प्रतिदर्श तथा ट्रे को जल बांध मे वापस करना चाहिए तथा सुई को बेन्जीन से धो कर सुखा लेना चाहिए. 22.5 से अधिक धंसन वाले पदार्थ की स्थिति मे दो समान परीक्षण प्रतिदर्शो पर तीन-तीन पाठ्यांक लेने चाहिये तथा प्रत्येक प्रेक्षण के पश्चात प्रतिदर्श को disturbance से बचाने के लिये सुई को उसी में लगा हुआ छोड़ देते चाहिए.

Observation Table:

वस्तिविक परीक्षण तापमान=............

औसत बेधन मान=.......

परिणाम : बिटुमन का बेधन मान ..... हैं.

सावधानियाँ :

(1)    प्रतिदर्श मे सुई को धंसाते समय पात्र हिलना नहीं चाहिए.

(2)     प्रतिदर्श बाहरी तत्वो से मुक्त होना चाहिए.

(3)     बेधन समय ठीक 5 सेकंड होना चाहिए.

परिणाम का विशलेषण:

बिटुमन का ग्रेड उसकी कठोरता के संदर्भ में ज्ञात करने के लिये बेधन परीक्षण बहुत प्रचलित है. जैसे 100/120 ग्रेड का बिटुमन का अर्थ है कि इस बिटुमन के मानक प्रतिदर्श का बेधन मान 100 से 120 के मध्य है. बिटुमन की ग्रेडिंग इसके विभिन्न जलवायुवीय स्थितियो तथा विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यो में उपयोग की उपयुक्तता निर्धारित करने में सहायता करती है. भारतीय सड़क कांग्रेस की संस्तुति के अनुसार बिटुमनी मैकेडम सड़को के लिये 30/40, 60/70 तथा 80/100 ग्रेड उपयुक्त हैं. गर्म स्थानो पर मृदुकरण से बचाव हेतु निम्न ग्रेड के बिटुमन जैसे 60/70 तथा ठंडे स्थानो पर भंगुरता से बचाव हेतु उच्च ग्रेड का बिटुमन जैसे 180/200 उपयुक्त रहता हैं.

विशेष :

100 से कम बेधन को 10 के अन्तर से तथा 100 या अधिक बेधन को 20 के अन्तर से दर्शाया जाता हैं.

      विभिन्न ग्रेड  के बिटुमन तथा उसका प्रयोग निम्नं तालिका मे दर्शाया गया है-

FIGURE'S TO BE COMPLETED '

SHORTLY

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