About Me YOU THINK I WILL DO IT

I AM A CIVIL ENGINEERING BY PROFESSION '34 YEAR'S OF EXPERIENCE PROVIDING PRACTICAL AND FIELD KNOWLEDGE ' MOSTLY FIELD WORK CRAZE FOR CIVIL WORK OR SAY ONSITE WORKhttps://engineersindiasolutions.wordpress.com/ WEBSITE

Sunday, 30 May 2021

METHOD TO READ METALLIC CHAIN ONSITE/मेट्टालिक चैन पढ्ने की प्रायोगात्मक...

Video link :- https://youtu.be/lH7eQnSEIf4

Building repairs and maintenance

                 Building repairs and maintenance

 

Question 1--What is building repair and maintenance?

Answer -1 Building repairs and maintenance services mainly includes works undertaken for maintaining proper condition of buildings, its services and works in ordinary use. The use for which buildings are designed is the main factor in determining the required standard of maintenance

Questio-2What are the facets of maintenance?

Answer-2  Maintenance operations have many facets such as :

1.      Condition based maintenance

      2. Fixed time maintenance

      3. Preventative maintenance :

Question-3 What is repair and rehabilitation?

 Answer-3

 A] Repair is the process of restoring something that is damaged or deteriorated or broken, to good condition.

B] Rehabilitation is the process of returning a building or an area to its previous good conditions

Question-4 What are the steps in selecting a repair procedure?

 Answer_4 The steps of concrete repair include- investigating the cause behind the defect in concrete, assessing the extent and severity of the damage, evaluating the need for repair work, selecting suitable repair technique and materials, reparation process preparation, application of the repair technique, and, finally, curing

Question-5 Why is building maintenance important?

Answer-5  Regular and proper maintenance of a building ensures that it is maintained properly, free from damage,costly repair bills and the need for urgent repairs. A facilities management company will schedule regular repairs at periodic intervals to make it easier. Whereas, emergencies are unpredictable and can be constantly monitored from time to time.

Question-6 What are the techniques required for repairing cracks?

Answer-6 CRACK REPAIR TECHNIQUES .

1.      Sealing with epoxies { used chiefly in strong adhesives and coatings and laminates}

2.       Routing and sealing

3.      Stitching {filling material in joint’s}

4.       Injecting epoxy bonding compounds in high pressure in to

A].SEALING WITH EPOXIES  cracks PROCEDURE

1. Drill into the cracks

2. Flush out cracks by injecting water/other solvents

3. Dry the surface.

Question-7 What are the two facts of maintenance?

Answer-7 Maintenance can be of two types

a] Preventive maintenance

b]Corrective or repair maintenance.
...
It is generally needed because of the following reasons:

  • Natural decay;
  • Technological change;
  • New demand;

Question-8  What is structure repair?

Repair is the technical aspect of rehabilitation. It refers to the modification of a structure, partly or wholly which is damaged in appearance or serviceability.

Repair and rehabilitation.

Repair is the technical aspect of rehabilitation.

 

Question-9 What is the criteria for selection of repair material?

The following factors should be considered when choosing a Repair material

Low shrinkage properties.

Good hardening / setting properties.

Good workability

 

Question-10 What are the benefits of preventive maintenance:

a]Less equipment downtime.

b]Fewer interruptions to critical operations.

c]Longer asset life.

d]Improved efficiency (assets in good repair tend to operate better)

e]Increased workplace safety and improved compliance.

Question-11 How do you repair a damaged RCC roof?

Answer-11 The RCC roof slab in-between rafter shall be plastered with 1:3 cement mortar 5 cm thick. This will ensure a long life to the roof slab. To prevent further leakage of water, a new weather proofing course shall be laid on the roof slab.

Cracks in the slab should be grouted with cement mortar.

Question 12 How chemicals can be used for repair and rehabilitation of structures?

Answer-12 Polymer is widely used for restoration of structure by way of Polymer modified concrete and for various other purposes. Polymer is mixed in water prior- to addition to the cement concrete. The concrete should be machine mixed.

Question-13 What is the best concrete crack filler?

Answer-13 For cracks up to a half-inch wide on horizontal surfaces, Quikrete Crack Seal is the easiest solution. You simply pour the latex repair liquid into the groove, where it dries to the natural color of concrete. Because it's liquid, it's self-leveling.

                    YOUR QUESTIONS ARE AWAITED

                      MY BEST WISHES

 

 

Sunday, 23 May 2021

REPAIR & MAINTAINANCE OF A BUILDING{GENERAL INTRODUCTION}

Penetration Test For Bitumen

 

         प्रयोग संख्या-

         Penetration Test For Bitumen

 

Introduction: बेधन या गाढ़ापन टेस्ट बिटुमन की कठोरता अथवा गाढ़ापन ज्ञात करने के लिये किया जाता हैं. इससे बिटुमन के ग्रेड का भी पता चलता हैं.

          यह टेस्ट रोड टार के लिये उपयुक्त नहीं माना जाता हैं, क्युकि रोड टार मे उच्च सतही तनाव व अत्याधिक मात्रा मे मुक्त कार्बन उपस्थित होती हैं.

यह टेस्ट बेधनमापी से किया जाता हैं, जो 1mm के 10वे भाग तक का बेधन माप सकता हैं.

Object :  दिए गए बिटुमन का बेधन मान ज्ञात करना.

Appratus :

(1)         पात्र- सपाट सतह वाली धातु की बेलनाकार डिश जिसका व्यास 55.0mm तथा गहराई 35.0mm होती हैं.

 

(1)         सुई- सीधी, बेलनाकार, कठोर इस्पातीय रॉड जिसकी विमाये चित्र 1 में दर्शाई गयी हैं.

(2)         जलबांध- न्यूनतम 10.0 लीटर क्षमता वाला, 24.0-26.0 डिग्री सेल्सियस पर नियंत्रित water bath जिसमे प्रतिदर्श को इस प्रकार डुबाया जाता है कि प्रतिदर्श की ऊपरी सतह कम से कम 100.0mm गहराई पर हो. प्रतिदर्श को छिद्रित उभार पर इस प्रकार टिकाया जाता है कि प्रतिदर्श की तली water bath के तल से 50.0mm ऊपर रहे.

(3)         बेधन उपकरण- बेधनउपकरण इस प्रकार का होना चाहिए कि यह सुई के धसने में कोई घर्षण प्रस्तुत न करे व 1mm के 10वे भाग तक शुद्ध परिणाम दे सके.

(4)         थर्मामीटर- 44 डिग्री सेल्सियस तक मापने योग्य थर्मामीटर जो 0.2 डिग्री सेल्सियस तक की परिशुद्धता से माप सके.

 

(1)         समय मापक यन्त्र- जो 0.1 सेकंड तक माप दे सकता हो.

Theory : एक मानक भार की सुई, निर्धारित अवधि मे निश्चित तापमान वाले बिटुमन पिंड मे धंस जायेगी, यह माप बेधन कहलाता हैं. बेधन सुई का संलग्नक सहित भार 100 ग्राम होता हैं.

           बेधन पाठ्यांक जितना कम होगा, बिटुमन उतना ही कठोर होगा.

 

इससे बिटुमन के ग्रेड का पता चलता है.

 

Procedure :

(1)    परीक्षण प्रतिदर्श : पदार्थ को उसके मृदुकारी बिंदु से अधिक तापमान तक पिघलाते हैं ( बिटुमन को  90डिग्री सेल्सियस और टार को 60 डिग्री सेल्सियस से उच्च ताप पर गर्म नहीं करना चाहिए.) पदार्थ को पिघलाते समय तब तक हिलाते रहते है जब तक यह हवा और पानी के बुलबुलों से मुक्त न हो जाये. पिघले पदार्थ को पात्र में अनुमानित धंसन से कम से कम 10.0mm अधिक गहराई तक भरना चाहिए. प्रतिदर्श को धूल से बचाते हुए वायुमंडल मे ही 15-30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 1घंटे तक ठंडा करते हैं. यह परीक्षण 24.0-26.0 डिग्री सेल्सियस ताप पर किया जाता हैं ( विशेष परिस्थितियों को छोड़कर). अब उपरोक्त प्रतिदर्श को ट्रे में water bath में 1-1.5 घंटे तक रख कर छोड़ देते हैं

(2)     water bath के पानी को स्थानान्तरण डिश में इतनी गहराई तक भरते है कि पात्र पूरी तरह भर जाये. अब नमूना रख दिया जाता है तथा डिश को बेधन उपकरण मे रख दिया जाता है.

(3)    उपकरण की सुई को बेन्जीन से साफ़ करके व सुखाकर भार के साथ सम्बद्ध कर देते है. आवश्यक कुल चल भार (100+0.25) से (100-0.25) ग्राम होता है जिसमे सुई , वाहक व अन्य लगाये गये भार समिलित होते हैं.

(4)     सुई को इस प्रकार समंजित करते है कि इसकी नोक प्रतिदर्श की सतह को बस छुती रहे. सुई की नोक को बिटूमनी पदार्थ के माध्यम से परावर्तित इसकी छाया के साथ संपर्क कराकर, सुई को समंजित किया जा सकता हैं.

(5)    डायल की सुई को शून्य पर सेट करते है अथवा प्रारभिंक डायल पाठ्यांक नोट कर लेते है.

(6)    सुई को ठीक 5 सेकंड के लिये छोड़ देते हैं.

(7)    बेधनमापी को धंसन मापने के लिये समंजित करते हैं.

(8)    इस प्रकार तीन भिन्न-भिन्न  पाठ्यांक नोट करते है. प्रतिदर्श की सतह पर प्रेक्षण बिंदुओं के मध्य 10.0mm से कम दूरी नहीं होनी चाहिए. प्रत्येक परीक्षण के पश्चात प्रतिदर्श तथा ट्रे को जल बांध मे वापस करना चाहिए तथा सुई को बेन्जीन से धो कर सुखा लेना चाहिए. 22.5 से अधिक धंसन वाले पदार्थ की स्थिति मे दो समान परीक्षण प्रतिदर्शो पर तीन-तीन पाठ्यांक लेने चाहिये तथा प्रत्येक प्रेक्षण के पश्चात प्रतिदर्श को disturbance से बचाने के लिये सुई को उसी में लगा हुआ छोड़ देते चाहिए.

Observation Table:

वस्तिविक परीक्षण तापमान=............

औसत बेधन मान=.......

परिणाम : बिटुमन का बेधन मान ..... हैं.

सावधानियाँ :

(1)    प्रतिदर्श मे सुई को धंसाते समय पात्र हिलना नहीं चाहिए.

(2)     प्रतिदर्श बाहरी तत्वो से मुक्त होना चाहिए.

(3)     बेधन समय ठीक 5 सेकंड होना चाहिए.

परिणाम का विशलेषण:

बिटुमन का ग्रेड उसकी कठोरता के संदर्भ में ज्ञात करने के लिये बेधन परीक्षण बहुत प्रचलित है. जैसे 100/120 ग्रेड का बिटुमन का अर्थ है कि इस बिटुमन के मानक प्रतिदर्श का बेधन मान 100 से 120 के मध्य है. बिटुमन की ग्रेडिंग इसके विभिन्न जलवायुवीय स्थितियो तथा विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यो में उपयोग की उपयुक्तता निर्धारित करने में सहायता करती है. भारतीय सड़क कांग्रेस की संस्तुति के अनुसार बिटुमनी मैकेडम सड़को के लिये 30/40, 60/70 तथा 80/100 ग्रेड उपयुक्त हैं. गर्म स्थानो पर मृदुकरण से बचाव हेतु निम्न ग्रेड के बिटुमन जैसे 60/70 तथा ठंडे स्थानो पर भंगुरता से बचाव हेतु उच्च ग्रेड का बिटुमन जैसे 180/200 उपयुक्त रहता हैं.

विशेष :

100 से कम बेधन को 10 के अन्तर से तथा 100 या अधिक बेधन को 20 के अन्तर से दर्शाया जाता हैं.

      विभिन्न ग्रेड  के बिटुमन तथा उसका प्रयोग निम्नं तालिका मे दर्शाया गया है-

FIGURE'S TO BE COMPLETED '

SHORTLY

Difference Between Shallow & deep foundations -Hindi

  Difference Between Shallow & deep foundations -Hindi   उथली और गहरी नींव के बीच अंतरसंरचनाओं की दुनिया में , नींव हमारे बुनियादी ढ...